Thursday, October 8, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 09 October 2020

                              From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 09  October 2020

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सुभाषितानि 





संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं। 



न कश्चित् कस्यचिन्मित्रं न कश्चित् कस्यचित् रिपुः। 
 व्यवहारेण    जायन्ते ,             मित्राणि रिप्वस्तथा । 

न कोई  किसी का मित्र है न कोई किसी का रिपु अर्थात् शत्रु । व्यवहार से ही मित्र तथा  शत्रु जाने जाते हैं या बनते हैं या उनकी पहचान होती है। 

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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