Sunday, October 18, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 19 October 2020

                                From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 19 October 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)




सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं। 



नान्नोदकसमं दानं   तिथिर्नैकादशी समा। 
 न गायत्र्याः परो मन्त्रः न मातुः परदैवतम्।। 


 
अन्न तथा जल के सदृश कोई दान नहीं, एकादशी सदृश कोई तिथि नहीं। गायत्री मन्त्र से बढ़कर की मन्त्र नहीं, माँ से बढ़कर कोई देवता नहीं ईश्वर नहीं। 




Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha 


No comments:

Post a Comment