Monday, October 12, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 13 October 2020

                               From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 13 October 2020

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सुभाषितानि 





संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं। 

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्।
   प्रियं च नानृतं ब्रूयात्          एष धर्मः सनातनः। 


सत्य बोलना चाहिए, प्रिय बोलना चाहिए, पर अप्रिय सत्य नहीं बोलना चाहिए।  प्रिय अनृत अर्थात् प्रिय असत्य (झूठ) भी  नहीं बोलना चाहिए - यही सनातन धर्म है। 





Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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