From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 21 October 2020
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सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
"कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति।"
पुत्र कुपुत्र हो जाता है हो सकता है परन्तु माता कुमाता नहीं होती है। (माता सदैव चाहती है कि उसका पुत्र सर्वदा सुखी रहे, समृद्ध रहे।)
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