From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 15 October 2020
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सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयम्।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।।
अठारह पुराणों में महर्षि व्यास के दो विशिष्ट वचन हैं, दो प्रमुख बातें हैं - पुण्य के लिए परोपकार, दूसरों का उपकार या भलाई करना, पाप करने के लिए दूसरों को पीड़ा पहुँचाना दुःख देना अर्थात् परोपकार करना पुण्य होता है एवं दूसरों को पीड़ा पहुँचाना पाप होता है।
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Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
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