Saturday, October 31, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 01 November 2020

                                  From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 01 November 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


      सत्य - सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः। 
      सत्य मूलानि सर्वाणि  सत्यान्नास्ति परं पदम्।। 

सत्य, हाँ सत्य ही संसार में ईश्वर है, धर्म भी सदा सत्य के ही आश्रित है।  सत्य ही समस्त जगत का समस्त भव-विभव का मूल है, सत्य से बढ़कर कुछ भी  नहीं है। 




Moon in West in the morning 
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Moon in West in the morning 
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha











No comments:

Post a Comment