Monday, October 26, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 27 October 2020

                                From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 27 October 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं। 


एकः पापानि कुरुते फलं भुङ्क्ते महाजनः। 
भोक्तारो विप्रमुच्यन्ते कर्ता दोषेण लिप्यते । 

एक (मनुष्य) पाप करता है तथा उसका  आनन्द (फल) बहुत से लोग उठाते हैं। आनन्द उठानेवाले तो बच जाते हैं पर कर्ता अर्थात् पाप करनेवाला दोष से लिप्त हो जाता है दोष का भागी हो जाता है।




Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


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