From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 04 October 2020
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सुभाषितानि
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
यद्यत्संदृश्यते लोके सर्वं तत्कर्मसम्भवम्।
सर्वां कर्मानुसारेण जन्तुर्भोगान्भुनक्ति वै।।
इस लोक में इस संसार में जो कुछ भी देखा जाता है - सुख या दुःख, वो सब कर्म से सम्भव होता है अर्थात् कर्म से उत्पन्न होता है। सभी प्राणी या जन्तु अपने (किये हुए) कर्मों के अनुसार आनन्दोपभोग करते हैं या पीड़ित-प्रताड़ित होते हैं।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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