From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 01 September 2020
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सुभाषितानि
सुभाषित शब्द "सु" एवं "भाषित " के योग से बना हुआ है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत भाषा के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के आगार हैं, भण्डार हैं। अनुभवों के ये आगार अत्यंत प्राचीन हैं हजारों वर्ष प्राचीन, एवं ये विश्व के विभिन्न देशों के दार्शनिकों के लिए भी अद्भुत स्रोत। यही कारण है कि विश्व के विभिन्न भाषाओं में इससे मिलते जुलते विचार आपको अधिकांशतः मिल ही जायेंगे विभिन्न दार्शनिकों-विचारवेत्ताओं के अपने नाम पर।
काको कृष्णः पिको कृष्णः को भेदो पिककाकयो।
वसन्त काले संप्राप्ते काको काकः पिको पिकः।।
कौवा कृष्ण वर्ण यानी काले रंग का होता है और कोयल भी काले रंग की ही होती है फिर कोयल एवं कौवे में क्या भेद है क्या अन्तर है ? वसन्त ऋतु के आगमन होते ही पता चल जाता है कि कौवा कौवा होता है और कोयल कोयल होती है।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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