From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 15 August 2020
(All the images are subject to IPR)
"७४ वें स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएँ !"
सुभाषितानि
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।।
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।।
हे वात्सल्यमयी मातृभूमि, तुम्हें सदा नमस्ते ! इस मातृभूमि ने हमें अपने बच्चों की तरह ममता एवं स्नेह दी है। इस हिन्दू भूमि पर सुखपूर्वक मैं बड़ा हुआ हूँ। यह महामंगलमय पुण्यभूमि है। इस भूमि के रक्षार्थ मैं यह नश्वर काया (शरीर) मातृभूमि को अर्पित करते हुए पुनः पुनः नमस्कार करता हूँ।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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