From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 29 August 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
सुभाषित शब्द "सु" एवं "भाषित " के योग से बना हुआ है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत भाषा के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के आगार हैं, भण्डार हैं। अनुभवों के ये आगार अत्यंत प्राचीन हैं हजारों वर्ष प्राचीन, एवं ये विश्व के विभिन्न देशों के दार्शनिकों के लिए भी अद्भुत स्रोत। यही कारण है कि विश्व के विभिन्न भाषाओं में इससे मिलते जुलते विचार आपको अधिकांशतः मिल ही जायेंगे विभिन्न दार्शनिकों-विचारवेत्ताओं के अपने नाम पर।
अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद गजभूषणं।
चातुर्यं भूषणं नार्या उद्योगो नरभूषणं।।
वेग यानी तीव्र चाल अश्व यानी घोड़े का आभूषण है, मत्त चाल गज यानी हाथी का आभूषण है। नारी का आभूषण चातुर्य यानी दक्षता-कुशलता है एवं उद्योग नर का आभूषण है।
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha |
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