From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 28 August 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
सुभाषित शब्द "सु" एवं "भाषित " के योग से बना हुआ है जिसका अर्थ है "सुन्दर भाषा में कहा गया"। संस्कृत भाषा के सुभाषित जीवन के दीर्घकालिक अनुभवों के आगार हैं, भण्डार हैं।
अयं निजः परो वेत्ति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानान्तु वसुधैव कुटुम्बकम्।।
"यह मेरा है, वह पराया है उसका है" ऐसी गणना या विचार लघु यानी संकुचित-संकीर्ण बुद्धि वाले ही करते हैं, उदार चरित वालों के लिए तो सम्पूर्ण वसुधा यानी धरती ही कुटुम्ब है परिवार है।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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