From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 12 August 2020
(All the images are subject to IPR)
जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ !
जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ !
सुभाषितानि
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।
साधुओं, सत्कर्मियों के कल्याण के लिए तथा दुष्कर्मियों के विनाश के लिए, धर्म की स्थापना के लिए मैं (श्री कृष्ण ) युग युग में यानी प्रत्येक युग में प्रकट होता हूँ।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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