From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 10 August 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।
चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता।।
जैसा चित्त में है मन में है वैसा ही बोलते हैं , जो बोलते हैं वही करते हैं
यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।
चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता।।
जैसा चित्त में है मन में है वैसा ही बोलते हैं , जो बोलते हैं वही करते हैं
साधु लोग यानी अच्छे लोगों के मन, वचन व कर्म में एकरूपता रहती है समानता रहती है
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