Monday, August 10, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Dawn Nature Painting on 11 August 2020

From the Eyes of Dr Ajay  Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 11 August 2020


(All the images are subject to IPR)



जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ !




सुभाषितानि


द्वौ अम्भसि निवेष्टव्यौ  गले बद्ध्वा दृढां  शिलाम्। 
धनवन्तम्   अदातारम्  दरिद्रं   च  अतपस्विनम्।। 


दो प्रकार के लोगों के गले में  भारी भरकम पत्थर बाँधकर समुद्र में फेंक देना चाहिए  - पहले वे व्यक्ति जो धनवन्त यानी धनवान होते हैं पर अदाता होते हैं दान नहीं करते और दूसरे वे जो दरिद्र या गरीब होते हैं लेकिन अतपस्वी होते हैं कठिन परिश्रम नहीं करते। 




Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

No comments:

Post a Comment