From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 23 September 2020
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सुभाषितानि
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं ।
पुस्तकस्था तु या विद्या, परहस्तगतं च धनम्।
कार्यकाले समुत्तपन्ने न सा विद्या न तद् धनम्।।
किसी पुस्तक में स्थित विद्या एवं दूसरे के हस्त (हाथ) में गया हुआ धन - कार्यकाल समुत्तपन्न होने पर अर्थात् आवश्यकता के समय न वो विद्या काम में आती है और न वो धन।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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