Tuesday, September 22, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 22 September 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 
Nature Dawn Painting on 22  September 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR))



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं  ।



मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा। 
क्रोधश्च दृढ़वादश्च  परवाक्येष्वनादरः।

मूर्ख के पाँच चिह्न हैं लक्षण हैं - गर्व (घमण्ड), दुर्वचन (अपशब्द), क्रोध, दृढ़वाद (कुतर्क/जिद्दी तर्क ) एवं परवाक्य यानी दूसरे के द्वारा कही गयी बातों का अनादर या असम्मान।  





Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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