From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 27 September 2020
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सुभाषितानि
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
दुर्जनः परिहर्तव्यो विद्ययालंकृतोSपि सन्।
मणिना भूषितो सर्पः किमसौ न भयंकरः।।
विद्या से अलंकृत या सुशोभित होने पर भी दुर्जन व्यक्ति का परित्याग कर देना चाहिए। मणि से भूषित सर्प क्या भयंकर नहीं होता ?
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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