From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 24 September 2020
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सुभाषितानि
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं ।
देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चनः।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।
देवता या भाग्य के रुष्ट (रुठ) हो जाने पर गुरु ही त्राता है रक्षक है पर गुरु के रुष्ट हो जाने पर कोई नहीं। गुरु ही रक्षक है गुरु ही रक्षक है गुरु ही रक्षक है इसमें कोई संशय नहीं संदेह नहीं।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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