Thursday, September 24, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 25 September 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 
Nature Dawn Painting on 25  September 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR))



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं  ।


विद्या मित्रं प्रवासेषु ,   भार्या मित्रं गृहेषु च। 
  व्याधितस्यौषधं मित्रं, धर्मो मित्रं मृतस्य च। 

प्रवास यानी विदेश में विद्या मित्र होती है एवं  गृह (घर ) में भार्या (पत्नी) मित्र होती है। व्याधि (रोग)  का मित्र औषधि (दवा)  होता है तथा मृतक का यानी मरणोपरांत  व्यक्ति का धर्म ही उसका मित्र होता है। 




Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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