From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 18 September 2020
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सुभाषितानि
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं ।
यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्।
एवं परुषकारेण विना दैवं न सिद्ध्यति।।
जैसे एक चक्र या पहिए से रथ गतिमान नहीं हो सकता, वैसे ही परुषकारण यानी पुरुषार्थ के बिना दैव या भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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