From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 07 September 2020
(The whole article along with all the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
विद्या ददाति विनयं विनयात् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्।।
विद्या ददाति विनयं विनयात् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम्।।
विद्या विनय देती है विनम्रता देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन का आगमन होता है, धन से धर्म और इन सबसे सुख।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
No comments:
Post a Comment