Monday, November 16, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 17 November 2020

                                 From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 17 November 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं। 
 मानोन्नतिं   दिशति    पापमपाकरोति।
  चेतः  प्रसादयति  दिक्षु  तनोति  कीर्तिं।  
     सत्संगति कथय किं न करोति पुंसाम्   

अच्छे मित्रों का साहचर्य बुद्धि की जड़ता को हर लेता है, वाणी में सत्य का संचार करता है, मान-सम्मान व उन्नति की वृद्धि करता  है एवं पाप से मुक्त करता है।  चित्त को प्रसन्न करता है, कीर्ति-यश को सभी दिशाओं में फैलाता है - (आप) ही कहें सत्संगति मनुष्य का कौन सा भला नहीं करती। 







Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha



No comments:

Post a Comment