Wednesday, November 4, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 04 November 2020

                                  From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 04 November 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


  नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। 
  न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः। 

इस (आत्मा) को शस्त्र नहीं काट सकते, इसको अग्नि नहीं जला सकती, इसको जल गीला नहीं कर सकता तथा मारुत अर्थात्  वायु नहीं सुखा सकती। 





Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha


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