Tuesday, November 24, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 25 November 2020

                             From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 25 November 2020

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सुभाषितानि 




संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


सर्वं   परवशं  दुखं  सर्वम् आत्मवशं सुखम्। 
   एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुख-दुःखयोः। 

सब कुछ परवश अथवा दूसरों  के अधीन रहना दुःख है, सब कुछ आत्मवश अथवा अपने अधीन रहना सुख का लक्षण है। इस विद्या इस बोध  के समास से योग से सुख दुःख के लक्षण  का भान होता है ज्ञान होता है ।  






Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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