Wednesday, November 25, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 26 November 2020

                              From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 26 November 2020

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सुभाषितानि 




संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।

दिवसेनैव तत् कुर्याद् येन रात्रौ सुखं वसेत्। 
 यावज्जीवं च तत्कुर्याद् येन प्रेत्य सुखं वसेत्।। 

दिन में वह (कार्य) करना चाहिए जिससे रात्रि में सुख से शांति से रहा जा सके, एवं जब तक जीवित हैं तब तक वह करना चाहिए जिससे मृत्यु पश्चात् सुख से रहा जा सके। 



Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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