Wednesday, November 11, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 12 November 2020

                                From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 12 November 2020

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


श्रद्धावाँल्लभते   ज्ञानं   तत्परः   संयतेन्द्रियः। 
   ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति 

श्रद्धावान मनुष्य,  संयतेन्द्रिय (अपनी इन्द्रियों पर संयम रखनेवाले) मनुष्य,  तत्पर हो साधनापारायण हो ज्ञानलाभ करते हैं  एवं ज्ञान प्राप्त करके वे शीघ्र ही परमशान्ति ( मोक्षरूप ) को प्राप्त हो जाते हैं। 



 
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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