Monday, November 2, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 03 November 2020

                                 From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 03 November 2020

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सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


बहवो न विरोध्दव्याः दुर्जयास्तेSपि दुर्बलाः। 
   स्फुरन्तमपि नागेन्द्रं भक्षयन्ति पिपीलिकाः।।  

बहुतों का अनेक लोगों का विरोध नहीं करना चाहिए।  दुर्बल होने पर भी वो दुर्जय, अजेय हो जाते हैं।  पिपीलिका यानी चीटियाँ फड़कते हुए सर्प को भी खा जाती हैं। 



Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha

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