Friday, May 22, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Dawn Nature's Painting on 23 May 2020 during Lockdown

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :

 Dawn Nature's  Painting on 23 May 2020 during Lockdown


(All the images are subject to IPR)




" ये (सूअर) पूरे 'Missionary Zeal' से  गंदगी के सर्वनाश में जुट गये हैं  - गलीज का सर्वग्रास करते जा रहे हैं। ....  पूरी तन्मयता से, पूरी निष्ठा और एकाग्रता से गन्दगी के सफाई-अभियान में जुट गये हैं। 

' शूकर देव सचमुच हमारे नमस्य हैं, प्रणम्य हैं, पूज्य हैं, वरेण्य हैं। शूकर-सत्संग हमारे मन-वच-काया का जीर्णोद्धार कर सकता है, हमें मुक्ति-मोक्ष निर्वाण दिला सकता है, हमें सुगतित्व की ओर, सुमतित्व की ओर, शिवत्व की ओर ले जा सकता है - आप मानें या न मानें। "



 निबंध : ' सूअर बड़ा कि मैं ' से उद्धृत 
पुस्तक : "नैवेद्यं "
लेखक  : रवीन्द्र नाथ ओझा (Rabindra Nath Ojha )






Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha





मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा।
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः।
। 

"मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - गर्व , अपशब्द , क्रोध , हठ और दूसरों की बातों का अनादर। "  


No comments:

Post a Comment