From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 23 May 2020 during Lockdown
(All the images are subject to IPR)
" ये (सूअर) पूरे 'Missionary Zeal' से गंदगी के सर्वनाश में जुट गये हैं - गलीज का सर्वग्रास करते जा रहे हैं। .... पूरी तन्मयता से, पूरी निष्ठा और एकाग्रता से गन्दगी के सफाई-अभियान में जुट गये हैं।
' शूकर देव सचमुच हमारे नमस्य हैं, प्रणम्य हैं, पूज्य हैं, वरेण्य हैं। शूकर-सत्संग हमारे मन-वच-काया का जीर्णोद्धार कर सकता है, हमें मुक्ति-मोक्ष निर्वाण दिला सकता है, हमें सुगतित्व की ओर, सुमतित्व की ओर, शिवत्व की ओर ले जा सकता है - आप मानें या न मानें। "
निबंध : ' सूअर बड़ा कि मैं ' से उद्धृत
पुस्तक : "नैवेद्यं "
लेखक : रवीन्द्र नाथ ओझा (Rabindra Nath Ojha )
पुस्तक : "नैवेद्यं "
लेखक : रवीन्द्र नाथ ओझा (Rabindra Nath Ojha )
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha |
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Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा। क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः।।
"मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - गर्व , अपशब्द , क्रोध , हठ और दूसरों की बातों का अनादर। "
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