Friday, May 29, 2020

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Dawn Nature's Painting on 30 May 2020 during Lockdown



From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :

 Dawn Nature's  Painting on 30  May 2020 during Lockdown

                                                  (All the images are subject to IPR)


ध्यायतो      विषयान्पुंसः   संगस्तेषूपजायते।
संगात्संजायते कामः कामात्क्रोधोsभिजायते।
क्रोधात्भवति संमोह:  संमोहात्स्मृतिविभ्रमः। 
स्मृतिभ्रंशाबुद्धिनाशो बुद्धिनाशाप्रणश्यति   
                                                            श्रीमद्भगवद्गीता 

विषयों का चिन्तन करनेवाले पुरुष की उन (विषयों ) में आसक्ति उत्पन्न हो जाती है ; आसक्ति से कामना पैदा होती है ; कामना (में विघ्न आने ) से क्रोध उत्पन्न होता है। क्रोध से सम्मोह (अर्थात मूढ़भाव ) उत्पन्न होता है, सम्मोह से स्मृति में  भ्रम हो जाता है, स्मृति भ्रष्ट हो जाने से (विवेक) बुद्धि का नाश हो जाता है और बुद्धि के नष्ट हो जाने पर (मनुष्य ) नष्ट हो जाता है (अर्थात पुरुषार्थ के अयोग्य हो जाता है )। 



                                                     
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha 

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha 

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha

Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha








No comments:

Post a Comment