From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 13 May 2020 during Lockdown
(All the images are subject to IPR)
प्रो (डॉ ) रवीन्द्र नाथ ओझा
चित्र (C ) डॉ अजय कुमार ओझा
प्रो (डॉ ) रवीन्द्र नाथ ओझा की दसवीं पुण्य तिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
"मानववाद ही एक धरम हो, मानववाद ही एक करम,
मानव सब धर्मों से प्यारा , कोई न मन में रहे भरम ,
हर नर राजा , नारी रानी , मिटे सभी वैषम्य-कहानी,
गूंजे चहुँदिसि दिग्दिगंत में साम्य और समता की बानी,
हर कुटिया मालिक हो अपनी , यहाँ न कोई दासादासी।
मिट जाएँ अब जाति-धरम सब, मिट जाएँ नफ़रतरासी,
हम हों केवल हिन्दुस्तानी , हों बस केवल भारतवासी।"
रवीन्द्र नाथ ओझा
"विप्राः बहुधा वदन्ति " पुस्तक से उद्धृत
आज का आकाश मेघाच्छन्न
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
"Be brave and be sincere ; then follow any path with devotion, and you must reach the Whole . Once lay hold of one link of the chain, and the whole chain must come by degrees."
Swami Vivekanand
|
No comments:
Post a Comment