From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 23 July 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
जन्मभूमि जहाँ जन्म हुआ है, जो जननी है वह स्वर्ग से भी महान है। जन्मभूमि भी मातृवत है या यूँ कहें जननी है माँ है अतैव उसका समादर करना चाहिए निरादर नहीं। जन्मभूमि का अपमान करना देशद्रोह है।
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