From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 25 July 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
निन्दन्तु नीतिनिपुणाः यदि वा स्तुवन्तु
लक्ष्मी समाविशतु गच्छति वा यथेष्ठं
अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा
न्यायात्पथ प्रविचलन्ति पदं न धीराः
लक्ष्मी समाविशतु गच्छति वा यथेष्ठं
अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा
न्यायात्पथ प्रविचलन्ति पदं न धीराः
नीतिशतकं
(बुद्धिमान लोग चाहे निन्दा करें या स्तुति करें, लक्ष्मी चाहे आए या वापस चली जाए। मृत्यु आज ही हो जाए या युगों के बाद हो। किन्तु धैर्यवान लोग न्याय के मार्ग पर चलते हुए कभी विचलित नहीं होते।)
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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