From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 14 July 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
शतं विहाय भोक्तव्यं सहस्रं स्नानमाचरेत् ।
लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं स्मरेत् ।।
शतं विहाय भोक्तव्यं सहस्रं स्नानमाचरेत् ।
लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं स्मरेत् ।।
सौ काम छोड़कर भोजन करना चाहिए, हजार काम छोड़कर स्नान करना चाहिए, लाख काम छोड़कर दान करना चाहिए और कोटि यानी करोड़ काम छोड़कर भगवान का स्मरण करना चाहिए।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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