From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature Painting on 29 July 2020
(All the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
उदये सविता रक्तो , रक्तःश्चास्तमये तथा।
सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता।।
उदये सविता रक्तो , रक्तःश्चास्तमये तथा।
सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता।।
उदय होते समय सविता यानी सूर्य लाल होता है और अस्त होने के समय भी लाल होता है। सत्य है समृद्धि और विपत्ति में महापुरुष एकरूप होते हैं यानी सुख और दुःख में महान व्यक्ति एकसमान रहते हैं।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Add caption |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
No comments:
Post a Comment