कुल नहीं, सदाचरण आपकी पहचान
न कुलं वृत्तहीनस्य प्रमाणमिति मे मतिः।
अन्तेष्वपि हि जातानां वृत्तमेव विशिष्यते।।
ऊँचे कुल या नीचे कुल में जन्म लेने से मनुष्य की पहचान नहीं हो सकती। मनुष्य की पहचान उसके सत्कर्म से उसके सदाचार से उसके चरित्र से होती है, भले ही वह निम्न कुल में ही क्यों न उत्पन्न हुआ हो। अपने आचरण से ही व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है।
अतैव सदैव श्रेष्ठ आचरण ही करना चाहिए, जन्म का भी महत्त्व है पर आचरण - चरित्र सर्वोपरि है।
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