मीठा वचन हितकारी !
अभ्यावहति कल्याणं
विविधं वाक् सुभाषिता।
सैव दुर्भाषिता राजन्
अनर्थायोपपद्यते।
सुभाषित यानी मीठे वचन हितकारी होते हैं एवं उन्नति के मार्ग खोलते हैं। परन्तु वही वचन दुर्भाषित हों या कटुतापूर्ण शब्दों में बोले जाएँ तो दुःखदायी होते हैं तथा उसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।
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