मधुर एवं दिव्य भाषा संस्कृत ( २२ अगस्त संस्कृत दिवस )
भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती।
तत्रापि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्।।
सभी भाषाओं में सबसे मुख्य, मधुर एवं दिव्य भाषा 'संस्कृत' है। उसमें भी काव्य मधुर होते हैं तथा काव्य में भी सबसे मधुर सुभाषित वचन होते हैं।
भारतीय संस्कृति की परिचायक, सभी भारतीय भाषाओं की जननी, संसार भर की भाषाओं में प्राचीनतम एवं समृद्धतम देवभाषा संस्कृत है।
संस्कृत को विश्व पटल पर पहुँचाने में योगदान प्रदान करें।
संस्कृत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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