धर्म-विमुख बलवान असमर्थ होता है !
बलवानप्यशक्तोSसौ
धनवानपि निर्धनः।
श्रुतवानपि मूर्खोSसौ
यो धर्मविमुखो जनः।।
जो व्यक्ति धर्म यानी कर्त्तव्य से विमुख होता है वह बलवान होकर भी असमर्थ, धनवान होकर भी निर्धन, एवं श्रुतवान यानी ज्ञानी होकर भी मूर्ख होता है।
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