Sunday, July 5, 2015

"INDIANS ARE BECOMING SLAVE OF WESTERN INFLUENCE" - PABLO NERUDA

"पश्चिम की बौद्धिक गुलामी कर रहे  हैं भारतीय" - पाब्लो नेरुदा 

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सौजन्य : thestar.com


पाब्लो नेरुदा ने जीवन का एक हिस्सा भारत में बिताया है। Poems of "Residence on Earth"  उन्होंने  भारत में ही लिखीं। उन्हें भारत में रहना अच्छा लगा। लेकिन  यहाँ  के जीवन ने उन्हें निराश किया। लोग चिंताओं को मिटाने भारत जाते हैं , यहाँ के रहस्य, धर्म  को अनुभव करने के लिए। उन्हें तो भारत बहुत अलग लगा। एक निहत्था देश, अपने आप में असुरक्षित। उनके ख़याल  से शायद  यहां के लोग दूसरे तरह के हो गए हैं। यहाँ पर नौजवानों ने अंग्रेजी संस्कृति अपना ली है ! अंग्रेजी संस्कृति पाब्लो को भी बहुत प्रिय है, लेकिन भारत के लोगों पर  अंग्रेजी संस्कृति का प्रभाव उन्हें  अटपटा लगा -  लगभग घिनौना, क्योंकि उस अंग्रेजी संस्कृति के कारण  भारत के लोग पश्चिम की बौद्धिक गुलामी कर रहे हैं। 


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स्पैनिश  भाषा के साहित्यकार चिली  निवासी  पाब्लो नेरुदा को 1971 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 

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