From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 23 June 2020 during Unlock 1
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सुभाषितानि
मुखिया मुख सों चाहिए , खान पान को एक।
पालै पोसै सकल अंग , तुलसी सहित विवेक।।
मुखिया मुख सों चाहिए , खान पान को एक।
पालै पोसै सकल अंग , तुलसी सहित विवेक।।
मुखिया को मुख या मुँह के समान होना चाहिए। तुलसीदास जी कहते हैं मुँह खाने पीने का काम अकेला करता है, लेकिन वह जो खाता पीता है उससे शरीर के सारे अंगों का पालन पोषण करता है। इसलिए मुखिया को भी ऐसे ही विवेकवान होकर अपना काम अपने तरह से करे लेकिन उसका फल सभी में बाँटे।
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha |
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