From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 14 June 2020 during Unlock 1
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सुभाषितानि
चाणक्य नीति
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विष्कुम्भं पयोमुखं।।
पीठ पीछे काम बिगाड़नेवाले तथा सामने प्रिय बोलनेवाले - ऐसे मित्र को मुँह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए।
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Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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