From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 21 June 2020 during Unlock 1
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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
International Yog Divas
सुभाषितानि
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनं।।
योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैद्यकेन।
योSपाकरोत् तं प्रवरं मुनीनां,पतंजलि प्रांजलिरानतोSस्मि।।
योग से चित्त का, पद (व्याकरण) से वाणी का, वैद्यक से शरीर का मल, जिन्होंने दूर किया उन मुनि श्रेष्ठ पतंजलि को मैं अंजलि बद्ध होकर नमस्कार करता हूँ।
व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं। आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनं।।
व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है। निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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