From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Dawn Nature's Painting on 2 June 2020 during Unlock 1
(All the images are subject to IPR)
क्षमा बलमशक्तानां शक्तानां भूषणं क्षमा।
क्षमा वशीकृते लोके क्षमयाः किं न सिद्ध्यति।।
क्षमा निर्बलों का बल है, क्षमा बलवानों का आभूषण है। क्षमा ने इस विश्व को वश में किया हुआ है, क्षमा से कौन सा कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है।
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