From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
'Sanskrit Subhashitani' with Nature Dawn Painting
on 19 April 2021
(The whole article along with all the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी है।
आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महानरिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।।
आलस्य ही मनुष्य के शरीर में स्थित महान रिपु है सबसे बड़ा शत्रु है। उद्यम यानी परिश्रम सदृश कोई बन्धु नहीं कोई मित्र नहीं, परिश्रम करने से मनुष्य अवसाद को प्राप्त नहीं होता।
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Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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