From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 03April 2021
(The whole article along with all the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी है।
शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम् ।
न शोचन्ति तु यत्रैता वर्धते तद्धि सर्वदा ।।
जिस कुल में नारियाँ शोक-मग्न रहती हैं उस कुल का शीघ्र विनाश हो जाता है। जिस कुल में नारियाँ शोक-मग्न नहीं अपितु प्रसन्न रहती हैं वह कुल सदा सर्वदा उन्नति को प्राप्त करता है।
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
No comments:
Post a Comment