आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा कृत
(Acharya Rabindra Nath Ojha's)
भारतीय संस्कृति के सप्त आधारग्रन्थ
(Bharatiya Sanskriti Ke Sapt Adhargranth)
सम्पादक : डॉ अजय कुमार ओझा
Editor : Dr Ajay Kumar Ojha
आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा द्वारा महीने भर प्रतिदिन लिखे गए अमूल्य पत्रों से निसृत उत्कृष्ट दर्शन-नवनीत है यह पुस्तक। इसमें ओझा जी ने सप्तमहाग्रन्थों की गूढ़ चर्चा की है जो भारतीय संस्कृति के आधार ग्रन्थ हैं - वेद, उपनिषद्, गीता, रामायण, कामायनी, गीतांजलि तथा सावित्री। इन सद्ग्रन्थों का अध्ययन, चिन्तन, मनन और अभिव्यंजन प्रत्येक सहृदय, सज्जन, मनीषि का परम कर्त्तव्य है। भारतीय संस्कृति के ये आधारग्रन्थ हैं, नींव हैं, आधारशिला हैं और महान ऋषियों-चिन्तकों-कवियों-साधकों की भारतीय संस्कृति के प्रति अनुपम देन हैं।
सत्यम् शिवम् के सहयोग से अनुराधा प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित तथा डॉ अजय कुमार ओझा द्वारा सम्पादित यह पुस्तक सभी वर्ग के पाठकों के लिए अवश्यमेव पठनीय व संग्रहणीय है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture, Government of India) में भी रखने योग्य है।
यह पुस्तक आमेजन पर उपलब्ध है।
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