From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 07 December 2020
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सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
आर्यकर्मणि रज्यन्ते भूतिकर्माणि कुर्वते।
हितं च नाभ्यसूयन्ति पण्डिता भरतर्षभ।।
हे भरत कुलश्रेष्ठ ! ज्ञानी व्यक्ति श्रेष्ठ कार्य करते हैं। हितकारी कल्याणकारी एवं राज्य की उन्नति का कार्य करते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने हितैषी में दोष नहीं निकालते।
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