From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 23 December 2020
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सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
" जनिता चोपनेता च यस्तु विद्यां प्रयच्छति।
अन्नदाता भयत्राता पञ्चैता पितरः स्मृताः।।"
आचार्य चाणक्य
जन्मदेनेवाला, उपनयन संस्कार करनेवाला, विद्या देनेवाला, अन्नदाता एवं भयत्राता (भय से रक्षा करनेवाला ) - ये पाँच प्रकार के पिता होते हैं।
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