From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 02 December 2020
(The whole article along with all the images are subject to IPR)
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
निश्चित्वा यः प्रक्रमते नान्तर्वसति कर्मणः।
अवन्ध्यकालो वश्यात्मा स वै पण्डित उच्यते।।
जो व्यक्ति किसी भी कार्य को निश्चयपूर्वक आरम्भ करता है, उसे बीच में नहीं रोकता, समय नष्ट नहीं करता व अपनी आत्मा को अपने मन को वश में नियंत्रण में रखता है - वही पण्डित है ज्ञानी है।
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
|
Image (C ) Dr Ajay Kumar Ojha
|
No comments:
Post a Comment